भारतीय क्रिकेट के उभरते सितारे यशस्वी जायसवाल आज हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। मुंबई की गलियों से शुरू हुई उनकी कहानी आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मंच तक पहुँच चुकी है। भारतीय क्रिकेट टीम की एक बेहतरीन बैट्समैन के रूप में वो जानने लगे है। आज हर भारतीय उनकी क्रिकेट की प्रतिभा को तारीफ कर रहे है। लेकिन किया उनकी क्रिकेट journey आसान थी? कैसे वो यहां तक पहुंची है। आइए जानते हैं उनके जीवन, संघर्ष, करियर और नेटवर्थ से जुड़ी पूरी कहानी।

बचपन और शुरुआती जीवन:
यशस्वी जायसवाल का जन्म 28 दिसंबर 2001 को सूर्यावंशी नगर, भदोही (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनके पिता भावन जायसवाल एक छोटी सी मिठाई की दुकान चलाते थे, जबकि उनकी माँ कांता जायसवाल एक गृहिणी हैं। बचपन से ही यशस्वी का सपना था की वो भारतीय टीम के लिए खेले। जब वे मात्र 11 साल के थे, तो उन्होंने क्रिकेटर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई में चले आए। लेकिन यह सफर आसान नहीं था। शुरूआती दिनों में उन्हें आर्थिक तंगी और रहने की समस्या का सामना करना पड़ा। लेकिन फिर भी वो अपने क्रिकेट खेलने की चाहत को बरकरार रखा।
क्रिकेट करियर की शुरुआत:
उनके करियर का असली मोड़ तब आया जब उन्होंने मुंबई अंडर-16 टीम में जगह बनाई। इसके बाद उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप 2020 में शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने वर्ल्ड कप में 400 से अधिक रन बनाए और भारत को फाइनल तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद वे IPL 2020 में राजस्थान रॉयल्स की टीम से जुड़ गए। IPL की शुरुआत में वो ज्यादा अच्छी बल्लेबाजी नहीं देखा पाए, लेकिन धीरे धीरे वो अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी से कई रिकॉर्ड तोड़े। खासकर 2023 IPL सीज़न में उन्होंने शतक लगाकर क्रिकेट जगत में अपनी पहचान मजबूत कर ली।
यशस्वी जायसवाल की नेटवर्थ:
यशस्वी जायसवाल काफी गरीब घर की लड़का था, लेकिन आज 2025 के अनुसार यशस्वी जायसवाल की कुल संपत्ति (Net Worth) लगभग ₹15 से ₹20 करोड़ के बीच मानी जाती है। उनकी आय के मुख्य स्रोत हैं BCCI से मैच फीस, IPL कॉन्ट्रैक्ट (राजस्थान रॉयल्स), ब्रांड एंडोर्समेंट्स और विज्ञापन हैं। उन्होंने ipl में अपनी जगह पक्की कर लिए है और अबसे उनकी बोली हर साल बढ़ती ही जाएंगी। आज उनके पास एक लक्ज़री कार और मुंबई में खुद का घर भी रखते हैं।
निष्कर्ष:
यशस्वी जायसवाल की कहानी यह सिखाती है कि सपनों को सच करने के लिए हिम्मत, मेहनत और धैर्य जरूरी है। उन्होंने गरीबी, संघर्ष और असुविधाओं के बावजूद कभी हार नहीं मानी। आज वे भारत की टी20 और टेस्ट टीम के नियमित सदस्य हैं और भविष्य के स्टार बल्लेबाज़ के रूप में देखे जा रहे हैं। आज वे उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल हैं, जो अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखते हैं। उन्होंने मेहनत करके अपने दम पर अपनी सफलता पाई है।